योग शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा का एकीकरण है-अजय कुमार पांडेय
आज दिनांक 21 जून 2024 को अपने विद्यालय सरस्वती विद्या मंदिर, सिनीडीह में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय की वंदना सभा में मुख्य अतिथि श्री नकुल चंद्र दास, विभाग संघचालक, धनबाद विभाग, श्री मुरारी तांती, जिला मंत्री, बीएमएस, श्री उत्तम गायली, समिति सदस्य, विद्यालय के प्राचार्य श्री राकेश सिन्हा, मुख्य शिक्षक श्री विपिन कुमार यादव, विद्यालय के पूर्व आचार्य श्री सतीश पांडे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
कार्यक्रम के प्रारंभ में विद्यालय के आचार्य श्री जितेंद्र कुमार दुबे ने योग की प्रस्तावना प्रस्तुत की और कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य के लिए योग एवं प्राणायाम अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत 27 सितंबर 2014 को हुई जब हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में इसका प्रस्ताव रखा और विश्व के समस्त राष्ट्राध्यक्षों ने इसे सर्व सम्मति से स्वीकार कर लिया। मुख्य शिक्षक विपिन कुमार यादव ने सामूहिक रूप से प्राणायाम के सूक्ष्म सूत्रों को बताते हुए भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम विलोम, भ्रामरी आदि प्राणायाम करवाया।
उन्होंने बताया कि निरोगी काया प्राप्त करने का सबसे सरल तरीका है कि हम अपने दैनिक जीवन में प्रकृति के शाश्वत नियम से जुड़े रहे एवं योग एवं प्राणायाम को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाएं। विद्यालय के आचार्य श्री गिरवर धारी राय ने पूर्ण मंत्र सहित सूर्य नमस्कार करवाया और कहा कि सूर्य नमस्कार संपूर्ण व्यायाम है यदि इसे नियमित रूप से किया जाए तो व्यक्ति निरोग रहते हुए दीर्घायु हो सकता है।
अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि श्री नकुल चंद्र दास ने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने का एकमात्र उपाय है, योग एवं प्राणायाम को अपने जीवन में अपनाना। यदि व्यक्ति इसे अपने जीवन का अभिन्न अंग बना ले तो वह अपने शरीर को स्वस्थ एवं कार्यशील बना सकता है ,क्योंकि योग मे स्वस्थ जीवन की अपार क्षमता होती है।
अपने योग संदेश में विद्यालय के योग शिक्षक श्री अजय कुमार पांडेय ने कहां कि आज संपूर्ण विश्व योग दिवस के अवसर पर विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। विद्या भारती ने भी इसे अपनी योजना में महत्वपूर्ण स्थान दिया है। विद्या भारती के प्रत्येक विद्यालयों में आजअंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के यूज् धातु से हुई है जिसका मतलब होता है आत्मा का सार्वभौमिक चेतना से मिलना। योग की महिमा और महत्व बहुत बड़ा है। स्वस्थ जीवन शैली हेतु बड़े पैमाने पर इसे अपनाया गया ताकि व्यस्त, तनावपूर्ण और अस्वस्थ दिनचर्या में इसके सकारात्मक प्रभाव को देखा जाए। पतंजलि के अनुसार योग के आठ सूत्र बताए गए हैं-यम,नियम, आसन , प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान एवं समाधि। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग लाभकारी है।
यह शरीर को रोग मुक्त रखना है और मन को शांति प्रदान करता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य योग के लाभ के बारे में जागरूकता बढ़ाना और वैश्विक स्तर पर योग के अभ्यास को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि योग को स्वयं अपने जीवन में धारण कर औरों को भी प्रेरित करना है ,तभी योग का यह संदेश पूर्ण होगा।
आज के इस कार्यक्रम में अपने विद्यालय में 155 भैया, 95 बहन, अन्य विद्यालय के 15 भैया, 18 बहन, 5 पूर्व छात्र, 17 पुरुष अभिभावक, 12 महिला अभिभावक,2 विद्यालय समिति के सदस्य, 37 आचार्य परिवार, 18 समाज के गणमान्य लोगों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
अंत में शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के आचार्य डॉक्टर तापस कुमार घोष, श्री राहुल कुमार राय, श्री अरविंद कुमार, नवल किशोर झा, मुरारी दयाल सिंह, धर्मेंद्र तिवारी, अशोक कुमार सिंह, श्रीमती नमिता कुमारी के साथ-साथ सभी आचार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।