सरस्वती विधा मंदिर , सिनीडीह का कोयलांचल में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान है। भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के द्वारा विधा विकास समिति की छत्र-छाया में जिस शिक्षा में दीप को समर्पित किया गया, वह इस क्षेत्र के जन-आकांक्षओ का पर्याय बन कर शिक्षा पर दैदीप्यमान नक्षत्र की तरह भासमान होते हुएु इस क्षेत्रो के शिक्षाथियों का मार्ग आलोकित कर रहा। शील, सस्कार,ं अनुशासन , समर्पण इस विधालय का नैतिक पथ है। तो वर्तमान की चुनौतियो का सामना करने के छात्रो को शिक्षा कि नई तकनिक पैदा करना इसका भौतिक आधेय है । शैक्षिक जीवन के इस छोटे सफर में यह विधालय मील का पत्थर का बना हुआ है। यह विधालय विधा विकास समिति, झारखण्ड, विधा भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान, नई दिल्ली संबंध है तथा केन्द्वीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, नई दिल्ली ;ब्ण्ठण्ैण्म्द्ध से कक्षा द्वादश तक मान्यता प्राप्त है। यह विधालय केन्द्वीय विधालय से स्थानांन्तरण होकर ‘‘सरस्वती विधा मंदिर‘‘ के रूप में अप्रैल 2000 में स्थापित हुआ। बाल केन्द्वित, क्रियाधारित अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं एवं अखिल भारतीय स्थर के खेल कूद कार्यक्रमों के माध्यम से एक ऐस नागरिक तैयार किया रहा है जो समस्त चुनौतियांे का सामना करने में सक्षम तथा प्रशानिक समाजिक कार्यो में अपनी महत्वपर्ण भूमिका का निर्वहण कर सके। कोयलांचल ही नहीं बल्कि संपर्ण झारखण्ड में यह विधालय अपना गौरवपूर्ण स्थान रखता है।
विधालय को पल्लवित एवं पुष्पित करने में समाज के जिन गनमण्य व्यत्क्यिों का सहयोग प्राप्त होता है उनके प्रति हमारा हाद्विक अभार है।