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बड़े -बुजुर्गों का सम्मान भारत की महान परंपरा -श्री शिवनाथ पाण्डेय सरस्वती विद्या मंदिर सिनीडीह के प्रांगण में भारतीय गौरवशाली परंपरा को अक्षुण्ण बनाए रखने हेतु ” दादा-दादी व नाना-नानी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्रीमान शिवनाथ पाण्डेय शिक्षक, अतिथि श्रीमती सुजाता पाण्डेय शिक्षिका, समिति सदस्य श्रीमान उत्तम गयाली, प्रधानाचार्य श्री राकेश सिन्हा के कर कमलों से दीप प्रज्वलन एवं वंदना के साथ हुआ। मंच संचालन श्रीमती प्रियंका बागची ने किया।अतिथि परिचय आचार्या डाॅक्टर निशा तिवारी ने कराया।

कार्यक्रम की उपादेयता पर प्रकाश डालते हुए आचार्य श्री अनूप पाण्डेय ने कहा कि विद्या भारती भारतीय सांस्कृतिक परंपरा को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए समर्पित शैक्षिक संस्थान है। दादा -दादी व नाना -नानी सम्मान समारोह बच्चों के कोमल मन के अंदर सम्मान की प्रवृत्ति को जागृत करता है। इस अवसर पर भैया रघुवीर,ओंकारनाथ,शौभिक, अनंत,सौरभ,तनय, यशराज, आर्यन, अंशुमान के सुमधुर गीत की प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया।

भारत की वर्तमान पीढ़ी में बड़े -बुजुर्गों के प्रति सम्मान के प्रति आयी उदासीनता को सप्तम की बहन -सुप्रिया, मीरा, नुपुर, प्रेरणा, अंजलि द्वारा प्रस्तुत लघु नाटिका ने दर्शकों को भावुक कर दिया। आचार्या सुश्री नमिता के निर्देशन में शिशु वाटिका की बहनों तृप्ति, वान्या, प्रियांशी, अराध्या, आस्था, सिमरन, श्रृष्टि,वैदेही, मिष्टी के द्वारा दादी अम्मा,दादी अम्मा मान जाओ की भावपूर्ण प्रस्तुति ने खूब वाहवाही बटोरी। इस अवसर पर आचार्या अनिता जी के द्वारा दादा- दादी, नाना- नानी के बीच कई प्रकार के खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।साथ ही एक सौ से अधिक की संख्या में उपस्थित सभी दादा -दादी व नाना -नानी को पद प्रच्छालन, अंग वस्त्र,एवं फूलदान से सम्मानित भी किया गया।

मुख्य अतिथि श्रीमान शिवनाथ पाण्डेय ने कहा कि बड़े -बुजुर्गों का सम्मान भारत की महान परंपरा रही है। विद्यालय द्वारा इस प्रकार का कार्यक्रम आयोजित करना सचमुच गौरव का विषय है। अतिथि श्रीमती सुजाता पाण्डेय ने कहा कि विद्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की जितनी प्रशंसा की जाए,कम है।

विशिष्ट अतिथि जिला संघ चालक श्री विशु रवानी जी ने कहा कि समाज में बढ़ती बुराइयों को रोकने के लिए दादा-दादी ,नाना नानी का सम्मान अति आवश्यक है यह हमारी नई पीढ़ी को पुरानी पीढ़ी से जोड़कर रखती है।

प्रधानाचार्य श्री राकेश सिन्हा ने अपने उद्बोधन के क्रम में कहा कि दादा -दादी व नाना -नानी से हमें दुर्लभ अनुभव प्राप्त होता है। किसी भी कठिनतम परिस्थितियों में बड़े -बुजुर्गों का मार्गदर्शन कठिन मार्ग को प्रशस्त करता है । दादा -दादी के सम्मान में आरती का आयोजन आचार्य अजय पाण्डेय के द्वारा किया गया ।

रंगमंचीय कार्यक्रम को सफल बनाने में ,सुलेखा दीदी ,नमिता दीदी ,आरती दीदी, सुतपा दीदी, उषा दीदी,आचार्य श्री जितेंद्र कुमार दुबे संगीत, पियुष बेरा, सुचित सिंह का विशेष योगदान रहा। धन्यवाद ज्ञापन विनीता दीदीजी के द्वारा किया गया। मीडिया प्रभारी आचार्य धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि यह दादा-दादी नाना-नानी के बीच उत्साहवर्धक कार्यक्रम रहा इसे सफल बनाने में सभी आचार्य- दीदीजी एवं कर्मचारी बंधु -भगिनी का विशेष योगदान रहा।

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